क्यों युवाओं को दिल का दौरा आ रहा है?

Heart attack 


World Heart Day एक वार्षिक कार्यक्रम है जो 29 सितंबर को होता है। यह दिन हृदय रोग और हृदय रोगों (CBD) के प्रबंधन के लिए निवारक उपायों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए विश्व स्तर पर मनाया जाता है। सीवीडी में दिल का दौरा, स्ट्रोक और दिल की विफलता जैसी स्थितियां शामिल हैं।

World Heart Day 2023 का विषय "दिल का उपयोग करें, दिल को जानें" है।

यह दिन विभिन्न गतिविधियों और जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन करके मनाया जाता है। विश्व हृदय दिवस की स्थापना वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन (WHO) द्वारा की गई थी, जो रोकथाम और नियंत्रण के लिए समर्पित एक वैश्विक गैर-सरकारी संगठन है।

पहला विश्व हृदय दिवस 29 September को आयोजित किया गया था

राजस्थान में एक दिन पहले हार्ट अटैक के दो मामले सामने आए। एक युवक की मौत हो गई तो दूसरे की सीपीआर देकर जान बचा ली गई। पहला मामला पाली में सामने आया, जब साली की बात शादी में डांस करते हुए जीजा अचानक डांस फ्लोर पर गिर गया। दिल का दौरा पड़ने से उसकी मौत हो गई।

दूसरा मामला बारों में हुआ, जब जलझूलनी एकादशी पर शोभायात्रा के दौरान अखाड़ा प्रदर्शन कर रहे युवक को अचानक से अटैक आ गया। वहां पर डीएसपी राजेंद्र मीना पहुंचे और सीपीआर देकर उसकी जान बचाई।

यहां चिंता की बात ये है कि दोनों ही युवकों की उम्र 25-30 वर्ष थी। अकेले राजस्थान में हर साल 50 हजार लोग हार्ट अटैक से मर रहे हैं। मौत के इस आंकड़े में राजस्थान देश में चौथे नंबर पर है।

एक राज्यवार के अनुसार 797,540 लोगों का विश्लेषण आयु 30 से 74 वर्ष, केरल दिल को सबसे ज्यादा खतरा है भारत में रोग. 19.90% का केरल में लोगों के पास है ख़तरनाक रूप से बढ़ा जोखिम हृदय रोग का. झारखंड में सबसे कम है हृदय रोग का खतरा हैं। 

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार 17.9 मिलियन में से लगभग पांचवां हिस्सा भारत का है। विश्व स्तर पर दिल के दौरे से होने वाली मौतें। 2016 में, भारत कुल मौतों में से 63% मौतें NCDS के कारण हुईं 27% को सीवीडी (Cardiovascular) के लिए जिम्मेदार ठहराया गया बीमारी) 40 में 45% मौतों के लिए सीवीडी भी जिम्मेदार है। 69 वर्ष आयु समूह. भारत में प्रति 1 लाख लोगों पर 272 की मृत्यु दर है। हृदय संबंधी बीमारियाँ, वैश्विक औसत से अधिक 235 का है।

हृदय रोग (CVD) प्रमुख है 

विश्व स्तर पर मृत्यु का कारण. शीर्ष 10 देश उच्चतम CVD मृत्यु दर के साथ हैं:

रूसी संघ, यूरोपीय संघ, इंडोनेशिया, सऊदी अरब, चीन, तुर्की, भारत, दक्षिण अफ्रीका, अर्जेंटीना, ब्राज़ील।

भारत और चीन का योगदान कुल मिलाकर 30% से अधिक है

विश्व का कुल इस्केमिक हृदय रोग (IHD) बोझ। 2020 में दक्षिण कोरिया की दर सबसे कम थी। इस्केमिक हृदय रोग से मृत्यु के बीच OECD देशों में प्रति व्यक्ति लगभग 29 मौतें होती हैं। 100,000. जापान में हृदय की दर सबसे कम है

विश्व में रोग (CHD) मृत्यु दर।

ICMR की ताजा स्टडी रिपोर्ट बताती है कि भारत में 4 करोड़ मरीज दिल की बीमारी के हैं। हर साल 7 लाख लोगों की हार्ट अटैक से मौत हो जाती है। राजस्थान में ये आंकड़ा सालाना 50 हजार है। डॉक्टर इसका सबसे बड़ा कारण डायबिटीज को मानते हैं।

इंग्लैंड की जनसंख्या के बराबर देश में 8 करोड़ डायबिटीज के मरीज हैं। एक्सपर्ट का कहना है कि अगर हार्ट अटैक से बचना है तो डायबिटीज को कंट्रोल रखना होगा। 

अचानक एक्सरसाइज या डांस अटेक का बड़ा कारण है। 

डॉ. अजीत बाना के सामने हमने पाली और बारा हुए दोनों ताजा मामलों का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि दोनों ही मामले नॉर्मल हार्ट अटैक के केस हैं। जो लोग कभी एक्सरसाइज नहीं करते और अचानक खुशी में किसी शादी समारोह या प्रोग्राम में डांस करते हैं या फिर फिजिकल एक्टिविटी करते हैं तो हार्ट अटैक की संभावना बढ़ जाती है। क्योंकि अचानक उनके दिल की धड़कनें बढ़ जाती हैं।

ऐसे मरीजों में देखा जाता है कि रात को सही से नींद नहीं ले पाते। पानी कम पीते हैं। अचानक से जोर-जोर से नाचना, जोश में दौड़ते हुए पहाड़ पर चढ़ने से हार्ट पर दबाव बढ़ता है। हार्ट रेट एक दम से बढ़ जाती है। पहले से उनका शरीर ऐसी एक्सरसाइज के लिए तैयार नहीं होता है। अचानक एक्सरसाइज होने पर हार्ट पर प्रेशर पड़ता है और अटैक की संभावना बढ़ जाती है।


क्या कोरोना हार्ट अटैक की बड़ी वजह है?

अचानक जिम करते, डांस करते लोगों को हार्ट अटैक के मामले कोरोना के बाद से ही ज्यादा सामने आए हैं। क्या कोरोना इसकी सबसे बड़ी वजह है? इस सवाल पर डॉ. बाना (20 हजार से ज्यादा सर्जरी कर चुके स्पेशलिस्ट डॉ. अजीत बाना) बताते हैं कि कोरोना और हार्ट की बीमारियों को आपस में नहीं जोड़ नहीं सकते। इतना जरूर है कि कोरोना में जिन मरीजों को स्टेरॉयड बहुत ज्यादा मात्रा में दिया गया, उनमें डायबिटीज की प्रॉब्लम बढ़ गई होगी।

डायबिटीज के बढ़ने के कारण हार्ट अटैक के केस बढ़ने के चांस बहुत ज्यादा रहते हैं। हा सकता है कि उन्होंने ऐसी कोई दवाई ली हो, जिससे हार्ट पर असर पड़ा हो। डायरेक्ट कोरोना की दवाई या वैक्सीन लेने से हार्ट के पेशेंट बढ़ने के केस सामने नहीं आए हैं।

कोरोना से हार्ट की नसों पर इफेक्ट पड़ा, ये कितना सच है?

कोरोना में लोग अपने स्वास्थ्य के प्रति काफी सजग हुए हैं। पहले ऐसी महामारी किसी ने नहीं देखी थी, इसलिए सजग होकर लोग अधिक टेस्ट कराने लग गए हैं, जिससे बीमारी पहले से पहचान में आने लग गई। दूसरा यह भी है कि कोरोना के कारण लोगों ने एक्सरसाइज करना शुरू किया है। जिन लोगों को कोरोना हुआ और काफी अधिक प्रभावित हुए. ऐसे लोगों के मसल्स और हार्ट की नसों पर कोरोना का असर जरूर पड़ा है। लेकिन ये कहना कि कोरोना के बाद उनके हार्ट की नसे कमजोर हुई तो यह कहना सही नहीं है। हार्ट की बीमारी से कोरोना का कोई डायरेक्ट लिंक नहीं है।

अचानक हार्ट अटैक वाले केसों में केवल 30 से 40 परसेंट ब्लॉकेज सबसे बड़ी हैरानी की बात है कि जिन लोगों की अचानक नाचते-कूदते या जिम करते हार्ट अटैक आने से मौत हुई है, ऐसे लोगों में 90 प्रतिशत जितने कोई ज्यादा ब्लॉकेज नहीं थे। उनमें केवल 30 से 40 प्रतिशत ही ब्लॉकेज मिले हैं। इतने ब्लॉकेज से सामान्य तौर पर कोई दिक्कत भी नहीं होती, लेकिन अचानक एक्सरसाइज होने पर ऐसे मरीजों का ब्लॉक रप्चर (टूट) हो जाता है। जैसे कि उनकी नसों में कोई ब्लॉकेज है तो वह काफी सॉफ्ट होने पर फट जाता है।

अब जैसे ही कोई एक्सरसाइज करता है तो खून का संचार उन नसों में बढ़ जाता है तो वह ब्लॉक हार्ट की तरफ बढ़ जाता है। उसको आगे बढ़ने की जगह नही मिलती तो उस पर क्लॉट (थक्का) बन जाता है। इससे हॉर्ट के एक हिस्से में ब्लॉक हो जाता है। खून की सप्लाई बंद हो जाती है और मरीज की हार्ट अटैक आने से मौत हो जाती है।

जिम में कैफीन, प्रोटीन लेना खतरनाक

डॉ. अजीत बाना बताते हैं कि आजकल जिम में बॉडी बनाने के लिए कैफीन लेने का चलन भी बढ़ गया है। एनर्जी लेवल को बढ़ाने के लिए बच्चे जिम जाने से पहले कैफीन ले रहे हैं। कैफीन लेने से अचानक खून का फ्लो बढ़ जाता है। कैफीन से हार्ट की गति बढ़ जाती है। ये बहुत ज्यादा खतरनाक है।

अधिक प्रोटीन से मसल्स पर इफेक्ट

जिम में ट्रेनर बच्चों को बड़े-बड़े डिब्बों में एक्स्ट्रा प्रोटीन भी देते हैं। शरीर के मसल्स को बढ़ाने के लिए ऐसा किया जा रहा है, लेकिन ये हार्ट के लिए खतरनाक है। देखा जा रहा है कि अच्छी और जल्दी बॉडी बनाने के चक्कर में एक्स्ट्रा प्रोटीन दे दिया जाता है।

इससे मासपेशियों में ब्लॉकेज बनने लगते हैं। जो धीरे-धीरे हार्ट पर प्रेशर डालते हैं। उनका हार्ट कमजोर पड़ जाता है। कैफीन और हाई लेवल पर प्रोटीन का प्रयोग बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए। नॉर्मल एक्सरसाइज ही करनी चाहिए।


18 साल के युवा को हार्ट का इंतजार

डा. अजीत बाना ने बताया कि टोंक के जिस 18 वर्षीय मरीज को हार्ट डोनर का इंतजार है। उसने जिम में बॉडी बनाने के लिए ही हाई लेवल पर प्रोटीन लेना शुरू कर दिया था। येउसकी हाइट 6 फीट है। प्रोटीन लेने से उसका वजन 100 किलो हो गया।

ज्यादा प्रोटीन लेने से ब्लॉकेज बनने शुरू हो गए। उसका हार्ट अब केवल 20 प्रतिशत ही काम कर रहा है। चलने- फिरने में भी दिक्कत होती है। दिक्कत बढ़ने पर फोन पर ही मेडिसिन बतानी पड़ती है। उसे अस्पताल भी नहीं ला सकते। अब उसे हार्ट डोनर का इंतजार है, लेकिन 90 किलो के ही किसी व्यक्ति का हार्ट ट्रांसप्लांट किया जा सकता है।

कम उम्र में हार्ट अटैक का खतरा बनते हैं-

• स्मोकिंग (Smoking)
• स्ट्रेस (Stress)
• सैचुरेटेड फैट्स ((Junk food)
• सुस्त जीवनशैली (Sedentary lifestyle)
• सामान्य से अधिक नमक (Salt excess)
• सोने में दिक्कतें होना (Sleep inadequacy)
• सामान्य से अधिक शक्कर (Sugar excess)


लाइफस्टाइल से जुड़ी इन आदतों से बढ़ा कम उम्र में हार्ट अटैक का खतरा

  • बहुत ज्यादा स्ट्रेस, गुस्सा
  • स्लीपिंग पैटर्न गड़बड़ाया
  • गलत समय पर गलत आहार
  • अनियंत्रित हाइपरटेंशन
  •  डायबिटीज और बढ़ता मोटापा
  • स्मोकिंग, ज्यादा शराब की लत
  • देर रात तक काम करना
  • अपर्याप्त पानी का सेवन.                                      

हार्ट अटैक के सामान्य लक्षण (heart attack symptoms)

  • सीने में दर्द, भारीपन
  • सांस लेने में कठिनाई
  • धड़कने बढ़ना
  • लेटने में साम जल्दी और बैठने में आराम रोजाना फिजिकल
  • अचानक बीमार महसूस करना रुक-रुककर चक्कर आना 
  • पुरुषों के सीने में तेज दर्द तेजी से पसीना आना जबड़े में दर्द होना
  • महिलाओं की पीठ में ज्यादा दर्द
  •  सांस लेने में कठिनाई महसूस करना बहुत ज्यादा थकान महसूस करना
  • एक्टिविटीज और कार्डियो एक्सरसाइज जैसे- साइकिलिंग, जॉगिंग, रनिंग करें।
  •  जंक फूड न खाएं और औदर इंटिंग न करें। ओ भी खाएं, कैलरी का ध्यान रखें ताकि मोटापाडेड्यूर का डिक होगा
  •  टाइम से सोएं और सुबह जल्दी उठने का रूटीन बनाएं।
  • कोल्ड प्रेस ऑयल का ही इस्तेमाल करें।अंकुरित अनाज, 
  • हाई फाइबर सब्जियां, फल, प्रोटीन डाइट में शामिल करें।
  •  देर तक भूखे रहें।
  • नमक कम खाएं और आर्टिफिशियल शुगर से दूर रहें।
  •  स्मोकिंग और अल्कोहल में बिल्कुल दूर रहें।
  • स्ट्रेस और अकेलेपन से बचें, हमेशा फैमली के साथ टाइम बिताएं।

NOTE जिन लोगों में हार्ट की फैमिली हिस्ट्री नहीं है उन्हें कार्डियो एक्सरसाइज और स्ट्रेनिंग कम करनी चाहिए या इससे बचना चाहिए जिस भी आएं तो अपने ट्रेनर को अपनी फैमिली हिस्ट्री और अपनी बीमारियों के बारे में जरूर बताएं।

दिल को स्वस्थ रखने के लिए क्या करें

  • अधिक से अधिक फल, सब्जियां लें
  • सूखे मेवे अखरोट, बादाम और पिस्ता लें
  • फास्ट फूड से बचें, जिनमें नमक अधिक होता है
  • ओमेगा-3 फैटी एसिड्स का भरपूर सेवन
  • कम से कम दो लीटर पानी रोज पिए
  • पौधों से हृदय रोग का खतरा कम करें
  • मीठा भोजन
  • फल और सब्जियाँ
  • साबुत अनाज
  • पौधे आधारित प्रोटीन
  • स्वस्थ वसा
  • तला हुआ खाना।  

 
                                              
          PUBLISHED BY MUKESH KUMAR           

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