भारतीय सैनिक पहुंचा इजरायल


UNRWA की संचार निदेशक जूलियट टौमा ने एएफपी को बताया, गाजा में युद्ध के पहले सात दिन संख्या अधिक होने की संभावना है क्योंकि लोग अपना घर छोड़ना जारी रखेंगे।" इजरायल गाजा पट्टी में हमास के ठिकानों पर बमबारी कर रहा है। के बाद इस्लामी उग्रवादियों ने जानलेवा हमला किया 7 अक्टूबर को दक्षिणी इज़राइल में 1,300 से अधिक लोग मारे गए लोग। गाजा में हमास नेताओं, आतंकवादियों और तटीय इलाके में उनके ठिकानों को निशाना बनाकर किए गए इजरायली हवाई हमलों में 2,300 से अधिक लोग मारे गए हैं। 


इजराइली सेना को सरकार से हरी झंडी का इंतजार

israeli सेना ने गाजा में मिलिट्री ऑपरेशन की पूरी तैयारी कर ली है। सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट जनरल डेनियल हेगेरी ने रविवार रात कहा- हम बिल्कुल तैयार हैं। सिर्फ सरकार की तरफ से हरी झंडी का इंतजार है। इस बारे में हम उनसे बातचीत भी कर रहे हैं। प्राइम मिनिस्टर बेंजामिन नेतन्याहू ने रविवार को गाजा बॉर्डर पर इजराइली सैनिकों से मुलाकात की। उन्होंने इस सवाल का कोई जवाब नहीं दिया कि इजराइली सेना जमीनी कार्रवाई कब शुरू करेगी।

इजराइल गाजा से लोगों को निकालने पर आमादा है, लेकिन सवाल ये है कि यहां से निकाले जाने के बाद गाजा के लोग शरण कहां लेंगे। रविवार को इजिप्ट ने साफ कर दिया कि वो गाजा के लोगों को अपने सिनाई रेगिस्तान में रुकने की मंजूरी नहीं देगा। रविवार को इजिप्ट सरकार की नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल की इमरजेंसी मीटिंग हुई। प्रेसिडेंट अब्देल फतेह अल सीसी ने इसकी अध्यक्षता की। मीटिंग के बाद जारी बयान में सीसी ने कहा- हमारी सुरक्षा ही हमारी लक्ष्मण रेखा है और इस मामले में कोई समझौता नहीं किया जाएगा।

इस बयान का मतलब साफ है कि गाजा के करीब 23 लाख लोगों को इजिप्ट अपने देश में नहीं आने देगा। पहले कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि इजिप्ट सिनाई इलाके में टेम्परेरी कैम्प लगाकर इन लोगों को रुकने की मंजूरी दे सकता है। अब UN के सामने सबसे बड़ी दिक्कत इन लोगों को शेल्टर देने की है, क्योंकि इजराइल किसी भी वक्त गाजा में जमीनी कार्रवाई शुरू कर सकता है।

इजराइली सेना जल्द ही अपने 10 हजार सैनिकों के साथ गाजा पट्टी में घुसपैठ करने वाली है। इन सैनिकों को गाजा सिटी पर कब्जा कर हमास लीडर्स के इलाकों को पूरी तरह से तबाह करने के आदेश दिए गए हैं। मिलिट्री ने कहा है कि उनका मकसद हमास के टॉप लीडर्स का खात्मा करना है। ये ऑपरेशन 2006 के बाद इजराइल का सबसे बड़ा ग्राउंड ऑपरेशन होगा।

इजराइल से जंग में मारे गए हमास लड़ाकों के शवों और उनकी गाड़ियों से कई दस्तावेज बरामद किए गए हैं। कोडवर्ड में लिखे गए इन दस्तावेजों में हमास के इजराइल पर अटैक करने की प्लानिंग का जिक्र है। टाइम्स ऑफ इजराइल के मुताबिक, डॉक्यूमेंट्स में इजराइली लोगों को अगवा करने और जान से मारने के निर्देश थे। डॉक्यूमेंट्स में कई ऑर्डर सीधे तौर पर लिखे थे। वहीं, कई ऑर्डर के लिए कोड वर्ड इस्तेमाल किए गए थे। ये दस्तावेज नोवा म्यूजिक फेस्टिवल, किबुत्ज रीम के बाहर एक कार में हमास लड़ाके के शव से मिले है। नोवा फेस्ट से ही हमास के लड़ाके 100 से ज्यादा लोगों को किडनैप कर अपने साथ गाजा ले गए थे। 260 लोगों को जान से मार दिया था। इस जगह लड़ाके कार, बाइक और पैराग्लाइडिंग करके आए थे।

ब्लैक' कोड मारने के लिए, 'बस कोड किडनैप के लिए रिपोर्ट्स में दस्तावेजों के मुताबिक, ब्लैक शब्द बंदियों को मारने के लिए लिखा गया था। वहीं, बंदी बनाए गए लोगों को मानव ढाल के रूप में इस्तेमाल करने के लिए बस शब्द लिखा गया था। इसके अलावा हमास के कमांडर्स से बात करने के लिए मिलिट्री व्हीकल, सिविलियन व्हीकल और रेड शब्द के कोड्स शामिल के इसमें मिलिट्री व्हीकल का मतलब बंदियों की रिहाई, सिविलियन व्हीकल का मतलब होस्टजेस के आंकड़े और रेड शब्द यह रिपोर्ट करने के लिए कि इजराइल ने गाजा समूह के सदस्यों को पकड़ लिया है। घर, कार और फील्ड्स को जलाने के ऑर्डर्स सीधे तौर पर लिखे थे। टॉप सीक्रेट लेबल वाला एक पेज कफर साद पर हमले की योजना की रूपरेखा बताता है। इसमें कहा गया है कि कॉम्बैट यूनिट-1 का उद्देश्य 'नए डाएट स्कूल पर हमला करना, जबकि कॉम्बैट यूनिट-2 का उद्देश्य बंधकों को इकट्ठा करना था। वहीं अन्य यूनिट्स को बनेई अकीवा युवा केंद्र और पुराने डाएट स्कूल खोजने का आदेश दिया गया था।

हमास के साथ युद्ध अपने दूसरे सप्ताह में प्रवेश कर गया है और ईरान ने इजरायल को चेतावनी दी है कि यदि इजरायली सेना जमीनी आक्रमण के लिए गाजा में प्रवेश करती है तो क्षेत्रीय तनाव बढ़ जाएगा।

"अगर गाजा पट्टी में बच्चों को मारने वाले इजरायली हमलों को तुरंत रोकने के उद्देश्य से किए गए उपाय गतिरोध में समाप्त होते हैं, तो यह अत्यधिक संभावना है कि कई अन्य मोर्चे खुल जाएंगे। इस विकल्प को खारिज नहीं किया गया है और यह तेजी से अधिक संभावित होता जा रहा है।" ईरानी विदेश मंत्री हुसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन ने रविवार को अल जज़ीरा को बताया। "यदि ज़ायोनी इकाई [इज़राइल] गाजा में प्रवेश करने का निर्णय लेती है, तो प्रतिरोध होगा नेता इसे कब्ज़ा करने वाले सैनिकों की कब्रगाह में बदल देंगे," उन्होंने कहा जोड़ा गया.

इजराइली डिफेंस फोर्स का कहना है कि 199 लोग हमास के लड़ाकों की कैद में हैं। पहले ये आंकड़ा 120 बताया गया था। लड़ाके इन बंधकों को गाजा ले गए हैं। इधर, इजराइल हमास जंग के बीच लेबनान में एक और मोर्चा खुलने जा रहा है।

इज़राइल, लेबनान और फ़िलिस्तीनी क्षेत्र लेबनान इजराइल ने कहा है कि लेबनान बॉर्डर पर भी 2 किलोमीटर दूर तक का इलाका खाली कराया जाएगा। कल लेबनान में हुए हिजबुल्लाह के अटैक के बाद इजराइल ने जवाबी कार्रवाई की थी। इसके बाद इजराइल की 28 कम्युनिटीज को वहां से हटाकर सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया जाएगा।

इजरायली सेना ने लेबनान से दागे गए रॉकेट के जवाब में भारी गोलीबारी की है। इजरायली सेना ने बताया है कि रविवार शाम को लेबनान से 9 रॉकेट इजरायली क्षेत्र में दागे गए, जिसमें से प्रोटोकॉल के अनुसार, 5 को इंटरसेप्ट कर लिया गया।

अब इजरायली सेना लेबनान में उन लॉन्च साइट को निशाना बना रही है, जहां से ये रॉकेट फायर किए गए थे। इस बीच खबर है कि संयुक्त राष्ट्र शांति सेना में शामिल भारतीय सुरक्षाकर्मियों को इजरायल और लेबनान के बीच दक्षिणी सीमा पर तैनात किया गया है, जहां हिजबुल्लाह और इजरायली सेना के बीच मोर्टार और रॉकेट हमलों के कारण तनाव बढ़ गया है।

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय शांति सैनिकों को इजरायल और लेबनान के बीच सीमा पर देखा गया है, हालांकि उन्होंने प्रोटोकॉल के कारण अपने मिशन पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। यह तैनाती संयुक्त राष्ट्र शांति मिशनों में योगदान देकर अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा बनाए रखने की भारत की प्रतिबद्धता का हिस्सा है। फिलिस्तीनी आतंकवादी समूह हमास के साथ युद्ध के बीच इजरायल को लेबनान के सशस्त्र समूह हिजबुल्लाह से भी खतरा है।

रविवार को हिजबुल्लाह आतंकवादी समूह ने इजराइल की उत्तरी सीमा पर सुबह हुए मिसाइल हमलों की जिम्मेदारी ली। हमले में एक व्यक्ति की मौत हो गई और तीन लोग घायल हो गए। हिजबुल्लाह ने कहा कि यह लेबनान में हाल ही में इजरायली हवाई हमलों की प्रतिक्रिया थी।

यह तैनाती संयुक्त राष्ट्र शांति मिशनों में योगदान देकर अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा बनाए रखने की भारत की प्रतिबद्धता का हिस्सा है। फिलिस्तीनी आतंकवादी समूह हमास के साथ युद्ध के बीच इजरायल को लेबनान के सशस्त्र समूह हिजबुल्लाह से भी खतरा है।

रविवार को हिजबुल्लाह आतंकवादी समूह ने इजराइल की उत्तरी सीमा पर सुबह हुए मिसाइल हमलों की जिम्मेदारी ली। हमले में एक व्यक्ति की मौत हो गई और तीन लोग घायल हो गए। हिजबुल्लाह ने कहा कि यह लेबनान में हाल ही में इजरायली हवाई हमलों की प्रतिक्रिया थी।

भारत का योगदान लगभग 275,000 सैनिक शांतिरक्षा मिशन. वर्तमान में, दुनिया भर में संयुक्त राष्ट्र के विभिन्न शांति अभियानों में भारत के 5,934 सैनिक तैनात हैं। संयुक्त राष्ट्र के 16 सक्रिय शांति मिशनों में से 10 में 7,676 कर्मियों के साथ भारत संयुक्त राष्ट्र में सैन्य योगदान देने वाला दूसरा सबसे बड़ा देश है। इनमें से 760 पुलिसकर्मी  कार्मिक हैं।

लेबनान में क्यों तैनात हैं भारतीय सैनिक NITED MFORGEN UNIFIL में अंतरिम स्थान लेबनान में मौजूद भारतीय सैनिक लेबनान में संयुक्त राष्ट्र अंतरिम बल (United Nations Interim Force In Lebanon) का हिस्सा हैं। UNIFIL की स्थापना 19 मार्च 1978 के सुरक्षा परिषद के संकल्प 425 (1978) और 426 (1978) के अनुसार की गई थी। इसका उद्देश्य दक्षिणी लेबनान से इजरायली सेना की वापसी की पुष्टि करना, अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा बहाल करना, क्षेत्र में अपने प्रभावी अधिकार की वापसी सुनिश्चित करने में लेबनान सरकार की सहायता करना था। 11 अगस्त 2006 के सुरक्षा परिषद ने UNIFIL को दूसरी जिम्मेदारी भी सौंपी, जिसमें दोनों देशों में शत्रुता की समाप्ति की निगरानी करना, लेबनानी सेना की सहायता करना, नागरिक आवादी तक मानवीय पहुंच और विस्थापित व्यक्तियों की स्वैच्छिक और सुरक्षित वापसी को सुनिश्चित करने में मदद करना शामिल था।


UNIFIL को क्या-क्या शक्तियां प्राप्त हैं।

UNIFIL लेबनानी सेना के सहयोग से देश के अंदर मिलिट्री ऑपरेशन को अंजाम दे सकता है। यह लेबनानी सरकार के अलावा किसी भी सशस्त्र कर्मियों, संपत्तियों और हथियारों से मुक्त क्षेत्र के निर्माण में लेबनानी सेना की सहायता करेगा। इसके अलावा लेबनान सरकार के अनुरोध पर उसकी सीमाओं और अन्य प्रवेश बिंदुओं को सुरक्षित करने में सहायता भी कर सकता है, ताकि लेबनान में हथियारों या संबंधित सामग्री की सहमति के बिना प्रवेश को रोका जा सके। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने UNIFIL को अपने फोर्सेज की तैनाती के क्षेत्रों में सभी आवश्यक कार्रवाई करने के लिए अधिकृत किया और जैसा कि वह अपनी क्षमताओं के भीतर उचित समझती है।

कम से कम दो इजरायली महिला सुरक्षा इससे पहले फिलिस्तीनी आतंकवादी समूह हमास द्वारा किए गए अभूतपूर्व हमले में भारतीय मूल के अधिकारी मारे गए थे इस महीने, आधिकारिक स्रोत और लोग समुदाय की ओर से रविवार को पुष्टि की गई। अधिकारियों ने पुष्टि की कि 7 अक्टूबर को हुए हमले में अशदोद के होम फ्रंट कमांड के कमांडर 22 वर्षीय लेफ्टिनेंट ऑर मोसेस और पुलिस के सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट के बॉर्डर पुलिस अधिकारी इंस्पेक्टर किम डोकरकर मारे गए। कहा जाता है कि ये दोनों युद्ध में ड्यूटी के दौरान मारे गए थे।

भारत ने अब तक 918 लोगों को निकाला

भारत सरकार के ऑपरेशन अजय के तहत इजराइल के तेल अवीव से 15 अक्टूबर को भारतीयों का तीसरा और चौथा बैच दिल्ली पहुंचा। | तीसरी फ्लाइट से 197 लोग और चौथी फ्लाइट से 274 लोग देश लौटे। 14 अक्टूबर को भारतीयों का दूसरा दल दिल्ली पहुंचा था। इससे 235 लोग देश वापस आए। 13 अक्टूबर को एअर इंडिया की फ्लाइट से 212 लोग दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचे थे। अब तक इजराइल में फंसे 918 लोगों का रेस्क्यू किया जा चुका है।

   PUBLISHED BY MUKESH KUMAR 


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