महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में गुजरात टाइटंस को 15 रन से हराकर CSK ने 14 सीजन में 10वीं दफा IPL फाइनल में प्रवेश कर लिया है।
क्वालीफायर 1 से 1 दिन पहले RCB के खिलाफ अपने प्रमुख खिलाड़ियों को रेस्ट ना देने का फैसला गुजरात पर भारी पड़ गया। चेन्नई के चेपॉक स्टेडियम में गुजरात टाइटंस के कप्तान हार्दिक पंड्या ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का निर्णय लिया। उन्हें आशंका थी कि ओस में दूसरी पारी के दौरान गेंदबाजों को भारी दिक्कत पेश आएगी। ऋतुराज गायकवाड़ और शुभमन गिल के बीच प्रिंस ऑफ इंडियन क्रिकेट के खिताब को लेकर अनकहा कंपीटीशन चल रहा है। देखना था कि कौन बल्ले के जोर पर अपनी टीम को फाइनल में ले जाएगा। CSK ने पावरप्ले में बगैर विकेट खोए 49 रन बनाए। 8 के रन रेट के साथ शुरुआत हुई थी। पर अगले कुछ ओवरों में इसे बढ़ाना अनिवार्य था। खासकर इस बात का ध्यान रखते हुए कि पिछले मुकाबले में RCB के खिलाफ गुजरात के बल्लेबाजों ने 198 का टारगेट आसानी से चेज कर दिया था। पर ऋतुराज और डेवॉन कॉन्वे ने शुरुआती 10 ओवरों में ज्यादा जोखिम भरे शॉट्स नहीं खेले।
CSK के पूर्व खिलाड़ी मोहित शर्मा ने 11वें ओवर की तीसरी गेंद हार्ड लेंथ पर डाली और उन्हें एक्स्ट्रा बाउंस भी मिला। ऋतुराज पुल करने के लिए अच्छी पोजीशन में नहीं आ सके और गेंद बल्ले के ऊपरी हिस्से में लगी। लॉन्ग ऑन पर तैनात डेविड मिलर प्लेऑफ में इससे आसान कैच की उम्मीद नहीं कर सकते थे। ऋतुराज ने 44 गेंद पर 7 चौकों और 1 छक्के की मदद से 60 रनों की पारी खेली। उनका स्ट्राइक रेट 136 का रहा और चेन्नई को 87 के स्कोर पर पहला झटका लग गया। नूर अहमद के 12वें ओवर की तीसरी फुल लेंथ गेंद को स्लॉग स्वीप करने के प्रयास में शिवम दुबे क्लीन बोल्ड हो गए। दुबे ने 3 गेंदें खेलकर 1 रन बनाए और CSK को 90 पर दूसरा झटका लगा। शुरुआत धीमी हुई हुई थी। ऐसे में शिवम को जल्दी बल्ला चलाना पड़ा और इसका नुकसान चेन्नई को उठाना पड़ा।
अजिंक्य रहाणे को जबसे वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल खेलने के लिए चुना गया है, CSK के लिए उनका बल्ला एक बार भी नहीं बोला। यही सिलसिला क्वालीफायर वन में भी जारी रहा। दर्शन नल्कंडे ने 15वें ओवर की पांचवीं गेंद पर 112 किलोमीटर प्रति घंटे की धीमी गेंद के साथ ऑफ स्टंप के बाहर रहाणे को विड्थ ऑफर कर दी। जवाब में अजिंक्य रहाणे कट करने के नाकाम प्रयास में बैकवर्ड पॉइंट पर खड़े शुभमन गिल को सिंपल कैच थमा बैठे। रहाणे ने 10 गेंद पर बनाए 17 और चेन्नई को 121 पर तीसरा झटका लग गया। मोहम्मद शमी ने 16वें ओवर की पहली गेंद ऑफ स्टंप पर फुलर लेंथ की डाली। डेवॉन कॉन्वे सीधा डीप मिडविकेट पर तैनात राशिद खान को कैच थमा कर लौट गए। इसी के साथ 34 गेंद पर 4 चौकों की मदद से खेली गई 40 रनों की कॉन्वे की संघर्षपूर्ण पारी का अंत हो गया।
राशिद खान ने अंबाती रायडू को अपने स्पेल की अंतिम गेंद पर स्लॉग स्वीप करने के प्रयास में मिडविकेट पर फंसा लिया। रायडू ने 9 गेंद पर 1 चौके और 1 छक्के की मदद से बनाए 17 और चेन्नई का स्कोर 18 ओवरों की समाप्ति के बाद 5 विकेट के नुकसान पर 148 रन हो गया। माही भी मोहित शर्मा की धीमी गेंद को कवर्स पर सीधा हार्दिक के हाथ खेल बैठे। मोहम्मद शमी के आखिरी ओवर में 15 रन आए। नतीजा यह रहा कि चेन्नई ने 20 ओवर की समाप्ति के बाद 7 विकेट खोकर 172 रन बनाए। 16 गेंद पर 2 चौकों की मदद से 22 रन बनाकर जडेजा पारी की अंतिम धीमी गेंद को मिडविकेट के ऊपर से छक्का मारने के प्रयास में क्लीन बोल्ड हो गए। चेन्नई के बल्लेबाज बड़े शॉट्स खेलने में जरूर संघर्ष कर रहे थे, पर एक चीज साफ नजर आ रही थी कि मैदान पर ओस बिल्कुल नहीं थी। इसका मतलब गुजरात के बल्लेबाजों को भी चेन्नई के बैटर्स की ही तरह धीमी विकेट पर संघर्ष करना था।
CSK की पारी को देखें, तो उसने पहले 10 ओवरों में 8.5 की रनरेट से 85/0 रन बनाए। 11 से 17 ओवरों के बीच चेन्नई 7.43 की रनरेट 4से विकेट खोकर सिर्फ 52 रन बना सकी। बीच के ओवरों में रनरेट गिर गया। पारी के अंतिम 3 ओवरों में 11.67 की रनरेट से CSK ने 3 विकेट खोकर 35 रन बनाए। जिस फिनिश की दरकार थी, वह CSK को नहीं मिल सकी। चेन्नई की पारी के दौरान एक चीज समझ आई कि विकेट में स्पिनर्स के लिए कुछ था। रवींद्र जडेजा और महेश थीक्षणा की जोड़ी स्पिन और बाउंस के बूते कहर बरपा सकती थी। दिलचस्प रनचेज शुरू हुआ। जवाब में दीपक चाहर के तीसरे ओवर की पांचवीं गेंद को पुल करने के प्रयास में ऋद्धिमान साहा सीधा डीप स्क्वायर लेग फील्डर Same हाथ खेल बैठे। साहा ने 11 गेंद खेलकर बनाए 12 और गुजरात को 22 पर पहला झटका लग गया। थीक्षणा के छठे ओवर की पांचवीं शॉर्ट ऑफ लेंथ गेंद को बैकवर्ड पॉइंट फील्डर के हाथ खेलकर हार्दिक भी लौट गए। बल्ले से पूरा सीजन फ्लॉप रहने वाले हार्दिक क्वालीफायर वन में भी सिर्फ 7 रन बना सके। स्कोर 41 पर 2 आउट।
यहां टीम मैनेजमेंट ने लोकल बॉय और शानदार फॉर्म में चल रहे विजय शंकर की बजाय दासुन शनका को बल्लेबाजी के लिए भेजा। लगातार शुरुआती गेंदें डॉट करने के बाद शनाका ने अपने श्रीलंकन साथी महेश थीक्षणा के 10वें ओवर में पहले मिडविकेट की दिशा में चौका और अगली गेंद पर लॉन्गऑफ के ऊपर छक्का लगाया। अति उत्साह में वह रवींद्र जडेजा के खिलाफ 11वें ओवर की तीसरी गेंद पर रिवर्स हिट खेलने चले गए। नतीजा यह हुआ कि स्टंप्स पर डाली गई लेंथ बॉल को शनाका सीधा शॉर्ट थर्डमैन फील्डर के हाथ खेल बैठे। शनाका ने 16 गेंद पर 17 रन बनाए और गुजरात का स्कोर 78 पर 3 खिलाड़ी आउट हो गया। GT ने फिर एक दफा स्पिन स्पेशलिस्ट विजय शंकर को ना भेजकर डेविड मिलर को बल्लेबाजी का अवसर दिया। यह निर्णय काफी चौंकाने वाला था। कहा जाता है कि जिस विकेट पर गेंद घूमती है, वहां महेंद्र सिंह धोनी से मैच छीन लेना किसी कप्तान के वश की बात नहीं है। माही अपने डिसीजन से क्वालीफायर वन में इस कहावत को सही साबित कर रहे थे।
रवींद्र जडेजा के 13वें ओवर की पांचवीं फुलर लेंथ गेंद टप्पा खाने के बाद घूमी और मिलर के फ्रंट पैड को हिट करती हुई विकेट से जा टकराई। मिलर सिर्फ 4 रन बना सके और गुजरात को 88 पर चौथा झटका लग गया। इसके बाद विजय शंकर को बल्लेबाजी का अवसर मिला। अब तक शुभमन गिल मैदान पर टिके हुए थे और धोनी के लिए उन्हें वापस लौटाना बहुत जरूरी था। दीपक चाहर ने 14वें ओवर की पहली गेंद धीमी बाउंसर डाली और पुल करने के प्रयास में शुभमन गिल फाइन लेग पर डेवॉन कॉन्वे को आसान कैच दे बैठे। गिल ने 38 गेंद पर 4 चौकों और 1 छक्के की मदद से 42 रन की पारी खेली। स्कोर 88 पर 5 आउट। अब राहुल तेवतिया बीच मैदान आ चुके थे। महेश थीक्षणा ने उन्हें 15वें ओवर की तीसरी लेंथ बॉल क्लीन बोल्ड कर दिया। तेवतिया 5 गेंद खेलकर सिर्फ 3 रन बना सके और गुजरात को 98 पर छठा झटका लग गया। राहुल तेवतिया गुजरात के लिए मैच फिनिश नहीं कर सके।
अंतिम ओवरों में राशिद खान ने जरूर कुछ आक्रामक शॉट्स खेले, लेकिन पूरे सीजन लगातार फर्स्ट डाउन बल्लेबाजी करने वाले विजय शंकर से स्लॉग में बड़े हिट नहीं लग रहे थे। आखिरकार पथिराना के 18वें ओवर की तीसरी गेंद पर मिड विकेट बाउंड्री से दौड़ते हुए ऋतुराज गायकवाड़ ने डाइव लगाकर अविश्वसनीय कैच पकड़ा और विजय शंकर को 14 की निजी स्कोर पर पवेलियन का रास्ता दिखा दिया। अगली ही गेंद पर दर्शन नल्कंडे रन आउट हो गए। स्कोर 136 पर 8 आउट। तुषार देशपांडे के 19वें ओवर की तीसरी गेंद लोअर फुलटॉस थी। राशिद खान डीप पॉइंट में कैच दे बैठे। राशिद ने 16 गेंद पर 3 चौकों और 2 छक्कों की मदद से 30 रन बनाए। उनके जाने के बाद गुजरात को जीतने के लिए 9 गेंद पर 31 रन बनाने थे। पारी की आखिरी गेंद पर मोहम्मद शमी मिडऑफ फील्डर को कैच दे बैठे। इस तरह गुजरात टाइटंस 157 रन बनाकर ऑल आउट हो गई और 15 रन से मैच हार गई। 31 मुकाबलों में पहली दफा गुजरात की टीम IPL के इतिहास में ऑल आउट हुई। GT के हाथों सभी 3 मैच गंवाने के बाद CSK ने क्वालीफायर प्रथम जीतकर हिसाब बराबर कर दिया।
PUBLISHED BY MUKESH KUMAR
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